नामकरण का मुहूर्त

नामकरण का मुहूर्त

नाम रखने का मुहूर्त अगले एक साल के लिए

शिशु का नामकरण एक महत्वपूर्ण संस्कार है। इसे किसी शुभ तिथि और समय पर करने की सलाह दी जाती है।

नक्षत्र : अश्विनी, रोहिणी, मृगशीर्षा, पुनर्वसु, पुष्य, उत्तर फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाती, अनुराधा, उत्तराषाढा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरभाद्रपद, रेवती

वार : सोमवार, बुधवार, गुरूवार, शुक्रवार

करण : बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, शकुनि, चतुष्पद, नाग, किस्तुघ्न

तिथि - शुक्ल पक्ष : प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी

तिथि - कृष्ण पक्ष : प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी

योग : प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, सुकर्मा, धृति, वृद्धि, ध्रुव, हर्षण, सिद्धि, वरीयान, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्मा, इन्द्र

कृपया इसका उपयोग करने से पहले नीचे लिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं को पढ़ें:

  • मुहूर्त की तारीख और समय एक स्वचालित एल्गोरिथम से निकले गए है और यथासंभव सटीक हैं।
  • पंचांग स्वयं बनाने या बदलने के लिए इसके महत्वपूर्ण अंगो (नक्षत्र तिथि वार आदि) का ज्ञान आवश्यक है।
  • किसी कुशल ज्योतिषी या पंडित का मार्गदर्शन हमेशा आवश्यक होता है।
  • किसी भी त्रुटि, प्रतिक्रिया या प्रश्न के लिए, कृपया पृष्ठ की समाप्त में दिए गए "सुझाव / त्रुटिया" लिंक पर क्लिक करें और फॉर्म भर केर भेजे या कृपया contact@epicastrology.com पर ईमेल करे।
  • यदि "वास्तविक तीथि प्रारंभ और अंत समय" का चयन किया जाता है, तो यह तिथि के वास्तविक प्रारंभ और समाप्ति के समय के आधार पर गणना करेगा अन्यथा यह तिथि को आज के सूर्योदय से प्रारंभ तथा अगले दिन के सूर्योदय पर समाप्त मान कर गणना करेगा।
  • यदि "वार को सूर्योदय से प्रारंभ और सूर्यास्त पर समाप्त माने" का चयन किया जाता है तो यह किसी वार (जैसे सोमवार, मंगलवार,..आदि) को आज के सूर्योदय से शुरू तथा अगले सूर्योदय पैर समाप्त मान कर गणना करेगा अन्यथा यह वार का आरम्भ 12:00 बजे और समाप्ति समय रात के 11:59 बजे मान कर गणना करेगा।